Posts

Showing posts with the label author

आज़ मैं जहाँ हूँ,

आज़ मैं जहाँ हूँ, वहां से मुझको हर अज़ीज़  अपना मुस्कुराता हुआ दिखता है, जहां की मिट्टी का रंग मुझको  लगता आज भी सुनेहरा है, चलता हूं जब मैं कुछ दूरी तलक तो मुझको मेरे बचपन की हसीं  यादों का काफ़िला दौड़ता भागता वहां की सड़को पर मिलता है, धड़कता है दिल मेरा बहुत ही  शोर करता है जब अपनी मासूम  छवि को देखकर भावविभोर होता है, कभी कभी लगता है मुझको चलता रहता हूं मैं हर लम्हा, पर वक्त का पहिया मुझको लेकर वहीं का वहीं ठहरा हुआ सा कभी आगे  तो कभी पीछे हिलता है।

Loving a person becomes difficult when

Loving a person becomes difficult when we start seeing lots of flaws in him and even if we want to, but we are not able to ignore him and their flaws.

Waiting for someone

Waiting for someone to love you is like begining of a restless journey because of waiting for him keeps on increasing our excitement to meet him and yearning of love and we start feeling restless. Until we get that person, we keep feeling incomplete.

कितना सामान चाहिए,

कितना सामान चाहिए तेरे दिल की जमीं पर अपनी मोहोब्बत का बनाना मकान चाहता हूं, तुझकों रोज़ देख सकूं जहां से मैं अपनी वो सुबहो शाम चाहता हूं, बस जीने के लिए तेरी नज़रों का मेरी नज़रों से दुआ सलाम चाहता हूं!...

My favorite thing on earth is

My favorite thing on earth is humanity because if it was not on earth then no one on earth would understand each other's pain and sorrow.

छूने लगा जो गऊ को

छूने लगा जो गऊ को तो मुझसे मिलने धर्म के  पहरेदार आ गए, धर्म क्या है मेरा मुझसे पूछने ये सवाल एक नहीं हज़र आ गए, समझता था मैं एक इंसान  खुदको पर मेरा ये भ्रम तोड़ने सब लोग घर से अपने बाहर आ गए, पहचान क्या है मेरी बातों ही बातों में मुझसे बूझने बड़े बड़े पत्रकार आ गए, फिर खाखोड़ने मुझको  मुझमें काफ़ी समय बाद उनके फौजदार आ गए, मिला नहीं जब कुछ भी  उन्हें तो मुझमें मेरा खुदा तराशने धर्म के जाने माने सुनार बेशुमार आ गए, लड़ता रहा अकेला सभी से  खुदको गुनेहगार सा मेहसूस  करने लगा जब लड़ने मुझसे  राम के भेष में रावण के कई  अवतार आ गए, चला था आशीर्वाद लेने गऊ माता का पर ना जाने कहां से मुझे समझाने के लिए उन्में दुनियां भर के संस्कार आ गए.....

चुराकर नज़रों को मुझसे,

चुराकर नज़रों को मुझसे  ए हमसफर मेरे तुम कहां  जा रहे हो,  जाते जाते तुम ज़िंदगी से मेरी संग अपने सुकून ज़िंदगी का  लिए जा रहे हो, जुदा करके मुझको ख़ुदसे क्यूं तुम आंखों में मेरी बहता आंसूओं का साहिल छोड़कर जा रहे हो, रहेगी खुशबू तुम्हारी सांसों  की मेरी सांसों में सदा होंठों से अपने जिसको होंठों पर मेरे सजा रहे हो, महकता रहेगा मेरा जीवन मोहोब्बत से तुम्हारी छाप जिसपर अपनी रूह की तुम  छोड़े जा रहे हो, मिलेगा फूल खिलखिलाता हुआ तुम्हें तुम्हारी यादों का जिसको तुम मेरी दिल की ज़मीं पर रोंप के जा रहे हो, मिलूंगा अक्सर मैं पहचान बनकर तुम्हारी मुझसे नज़रे चुराकर क्यूं जा रहे हो, पूरा होगा सफ़र अपना जिसको तुम बीच में अधूरा  छोड़कर जा रहे हो, परछाई समझता था मैं खुदको तुम्हारी पर अब तो तुम मुझसे  ही मुंह फेरकर जा रहे हो,  चुराकर नज़रों को मुझसे  ए हमसफर मेरे तुम दर्द उम्रभर का मुझे देकर जा  रहे हो.....

झगड़ने लगा है वजूद,

झगड़ने लगा है वजूद  मेरा मुझसे कहता है पथ से तुम  अपने भटकते जा रहे हो,  दिखाई देती है जितनी ज़मीं  तुम्हें कदमों के नीचे तुम्हारे हर लम्हा तुम उसमें धंसते जा रहे हो, होगा पूरा हर ख़्वाब तेरा और तेरी ज़िंदगी का किसी दिन फिर क्यूं मायूस होकर इनको जहन में अपने दफना रहे हो, बदलेगी क़िस्मत तेरी भी एक दिन  फिर क्यूं ख्वाइशों को अपनी लिख  लिखकर मिटा रहे हो, बहने लगो तुम कल्पनाओं में अपनी क्यूं तुम ख़ुद ही ख़ुद में सिमटते जा रहे हो, टकराने दे अपने हौंसलों की कश्ती को समुंदर की लहरों से डूबने के डर से क्यूं घबरा  रहे हो, उड़ने दे तू खुदको आसमां में  अपने क्यूं खुदको दुखों से भरे पिंजरे में कैद किए जा रहे हो, भेदों जीवन के लक्ष्यों को अपने मेहनत से अपनी जीतने से पहले  हार का मातम क्यूं मना रहे हो, निराश होकर जीवन में हालातों से  अपने उम्मीद की सोच का दायरा  क्यूं बेवजह घटाए जा रहे हो, कहता है वजूद मेरा मुझसे  ज़िंदगी जीने के लिए है तुम्हारी  फिर क्यूं तुम इसे व्यर्थ के कामों में बर्बाद किए जा रहे हो, झगड़ने लगा है वजूद मेरा मुझसे  कहता है मैं हूं तुम कहीं अभी भी बाकी तुम मुझे क्यूं नज़रंदाज़ कि

When I try to forget you,

When I try to forget you, your memories always makes a thousands question, when they don't get answers to questions, then your memories starts quarrels with me. I'm get lost in labyrinth of your memories because your memories make me desperate, how can I go away from you and from your memories, because your memories follow me everywhere and every moment.

जब मैं तुझे भूलने

जब मैं तुझे भूलने की कोशिश करता हूं, तेरी यादें मुझसे सवाल हज़ार करती हैं, जब नहीं मिलते जवाब उन्हें सवालों के अपने, तो भीतर ही भीतर बहुत बवाल करती है, खो जाता हूं अंजामस में अपनी चूंकि तेरी यादें  मुझे बेकरार करती है, कैसे जाऊं दूर तुझसे और तेरी यादों से, क्यूंकि तेरी यादें हर  जगह हर पल बस मेरा  ही इंतज़ार करती है।

2 Line Story

'Do you need any help?'  'You can't help me even if you want, because after meeting you I lost myself and now I have left the house in my search.'

ख़्वाबों की इक बस्ती थी,

जो मुझे मेरी बंद आँखों में दिखती थी, लगा रहता था वहां आना जाना ख़्वाबों  का मेरे जहां की हर चीज़ हर दफा कुछ  अलग अलग सी लगती थी, मेरी खुशियां  भी बस्ती है ख़्वाब बनकर जहां मिलती  उनको सदा उनकी सपनों की कश्ती थी, ख़्वाबों की इक बस्ती थी, मौजूद जिसमें  अपनी हस्ती थी...

If i could change one thing about the world, it'd be:

If i could change one thing about the world, it'd be:  Their thinking, because nowadays their thinking has become so sick that they do not see anything other than their religion. they keep fighting and quarreling with each other in the name of religion, they all forget that there is no greater religion than humanity. I want to change their thinking so that peace and harmony prevails between them.

Meeting you for the first time

Meeting you for the first time felt like my search was over and you became a part of my life's journey despite being a stranger and time passed and you slowly became my destination.

किनारा दूर है साथी,

किनारा दूर है साथी बस हिम्मत का हाथ थामे रखना, काबिले तारीफ़ है सफ़र अपना बस अपने हौंसला की कश्ती पर तुम यूंही सवार रहना, मिलेगा हमें किनारा अपनी मंज़िल का बस ज़रा मायूसी से थोड़ा बैर बनाए रखना, ना टेकना घुटने तुम ओ साथी बस आँखों में अपनी सपनों को अपने सजाए रखना, तुमको और मुझको तय करने सफ़र ज़िंदगी के और भी कई हैं बाकी, बस तुम नज़रों को मंज़िल पर गड़ाए रखना, चल ढूंढते है नूर ज़िंदगी का जाने छुपा कहाँ वो नूर है साथी...

एक लेखक की कहानी.....

लेखक के आंखों के नीचे जो निशान होते है, वो निशानी हैं उसकी कड़ी मेहनत की पहचान बनते है , जो उसने अपनी कहानी लिखते हुए कमाए है, कई रातें जाग कर बिताते हुए, एक लेखक के लिए उसकी कहानी का पूरा करना मायने रखता है, न की उसके वो निशान जो बदले में मिले, लेखक दिखने में आम हो सकता है, पर उसकी लिखी कहानियां उसका परिचय बनती है। कुछ कहानियां अच्छी हो सकती है, और कुछ नही, एहमियत होती है प्रयासों की जो लेखक करता हर बार और हर समय अपनी ज़िंदगी में ताकि वो पढ़ने वाले के दिलो और दिमाग पर अपना असर छोड़ सके अपने शब्दों के जाल से....

एक रात ऐसी भी होगी....

एक रात ऐसी भी होगी, जब मुलाकात आपसे होगी, वो रात किसी ख़्वाब से कम न होगी, बैठोगे जब दर्मियां हमारे, दिल से दिल मिलेंगे जब हमारे, ख़ामोश सारी कायनात होगी, नजदीकियां हमारी रिश्ते को एक नया नाम देंगी, शुरू गुफ्तगु होगी हमारी, और सुबह न होगी उस रात की, जब सीने से लगा लूंगा तुमको, सुनाई आपकी हर सांस के साथ मेरी सांस देगी, इज़हार-ए-मोहब्बत करलूं अगर, तो क्या उम्र भर मेरा साथ दोगी, बेसब्री से इंतजार है मुझको उस रात का जिस रात तुम मेरे साथ होगी.....

जब भी मैं तुम्हारे बारे में लिखता हूं...

जब भी मैं तुम्हारे बारे में लिखता हूं, तो मैं आपके बारे में लिख नही पाता हूं, और लिखते लिखते आपके बारे में सोचने लग जाता हूं, मैं आपको कैद करना चाहता हूं अपने शब्दों में, फिर सोचता हूं इतने सारे शब्द कहां से लाऊं, जो आपके सौंदर्य का और आपका वर्णन कर सके....

मेरे सपने...

मेरे सपने मेरी बहुत सारी कल्पनाओं से बने हैं। कुछ अच्छे हैं और कुछ बुरे। मुझे अब तक अपना सही सपना नहीं मिला। मैं सपने देखना बंद नहीं कर सकता क्योंकि मैं अपने सपने को हकीकत में जीने में सक्षम नहीं हूं लेकिन मैं इसे अपनी काल्पनिक दुनिया में जी सकता हूं और महसूस कर सकता हूं। जब मैं सपने देखता हूं तो मुझे खुशी होती है। मैं अपने सपनों को हकीकत में जीना चाहता हूं। क्या यह मेरे लिए संभव है। मैं अपने जीवन के हर पल में हमेशा इसके बारे में सोचता हूं।

What is important to a writer?

What is important to a writer? The world full of his fantasies, suitable words to cover his imagination, and the reader who understands his written words and the feelings or emotions hidden in them, who can analyze them properly, the author does not need anything, neither praise nor wealth, just every word written by him. One who understands the meaning and can feel the thrill in them. The author puts his whole soul into his article to bring life to his words. The author doesn't need anything.....