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Showing posts from September, 2022

ज़िंदगी,

ज़िंदगी मुझको मुझमें कुछ इस तरह तलाशती रही जिस तरह मेरी मंजिलों को तलाशता है सफ़र मेरा...

हैरत,

हैरत तो तब हुई जब उनके अक्स ने भी जबरन आजमाया मुझको, वो बात और है कभी उन्होंने मुझे अपना समझा ही नहीं...