जब भी मैं तुम्हारे बारे में लिखता हूं...
जब भी मैं तुम्हारे बारे में लिखता हूं, तो मैं आपके बारे में लिख नही पाता हूं, और लिखते लिखते आपके बारे में सोचने लग जाता हूं, मैं आपको कैद करना चाहता हूं अपने शब्दों में, फिर सोचता हूं इतने सारे शब्द कहां से लाऊं, जो आपके सौंदर्य का और आपका वर्णन कर सके....
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