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Showing posts from December, 2023

इश्क़ में,

इश्क़ में तुम्हारे मैं रम जाऊँ कुछ इस तरह की अक्स मेरी आँखों में सिर्फ़ तुम्हारा आए नज़र। 

ज़िंदगी के सफ़र,

ज़िंदगी के सफ़र में मंज़िलें हज़ार हैं ए काफ़िर,  और हर कदम पर एक नया क़रवाँ है यादों का... 

तराज़ू,

तराज़ू में तोलकर खैरात लुटाते हैं लोग और खुदा देकर भी कभी हिसाब नहीं रखता... 

अजीब् सी,

अजीब् सी नज़ाकत है मोहोब्बत् में उनकी ए खुदा मेरा ये दिल कब मेरा न रहा मुझे एहसास तक नहीं... 

ज़ायका,

ज़ायका उनकी बेपनाह मोहोब्बत् का आज भी याद है मुझे, दिल दुखाकर अक्सर मुझे अपनी आग़ोश में समेट लेता था वो...

बड़ी ही,

बड़ी ही उम्दा शरबत भरी है निग़ाहों में उनकी,  होश में रहता हूँ फ़िरभी जुबाँ लड़खड़ने लगती है...