क़रीब बैठा रहा Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 24, 2025 क़रीब बैठा रहा है वो शख़्स एक तस्वीर की तरहवक़्त के साथ अश्कों का क़ाफ़िला गुज़रता रहा। Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
ख़ामोश पलकों, January 02, 2024 ख़ामोश पलकों से बेहताशा मुस्कुराता है वो छलकती आँखों से दर्द कभी बयां नहीं होता Read more
अजीब सिलसिला, January 12, 2024 अजीब सिलसिला है दरमियां हमारे ए अजनबी शिकायतें भी बहुत है और बेइंतेहा मोहब्बत भी। Read more
ज़रे-ज़रे की कर्ज़दार है ज़िंदगी August 24, 2025 ज़रे-ज़रे की कर्ज़दार है ज़िंदगी, तेरे इश्क़ की तलबगार है ज़िंदगी, टूटे ख़्वाबों की सौग़ात है ज़िंदगी, हर सहर एक नई तलाश है ज़िंदगी। Read more
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