तबस्सुम,

हसरतो की महफ़िल लग जाती है दिल में मेरे जब दीदार ए तबस्सुम होता है तुम्हारा ए हसीं, खो जाता है ये पागल दिल मेरा तसव्वुर ए खवाईश में तुम्हारी रह जाता है तो बस एक हसीन यादों का कारवां....

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