ज़मीन, Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 14, 2022 हक़ीक़त ए ज़मीन पर बेइंतेहा दर्द लिए अपनी आंखों में मुस्कुरा रहा है कोई, देखकर ऐसा लगता है जैसे उसका भरोसा ए यकीं अब्तक कायम है तुझपर ए खुदा... Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
अजीब सिलसिला, January 12, 2024 अजीब सिलसिला है दरमियां हमारे ए अजनबी शिकायतें भी बहुत है और बेइंतेहा मोहब्बत भी। Read more
किस-किस, January 12, 2024 किस-किस से छुपाए तुम्हें हम ए हमसफर मेरी आंखों से रूह तक बस तुम ही तुम हो... Read more
इतना भी न, January 03, 2024 इतना भी न रूठो तुम हमसे ए हमसफर, हर लम्हा हमें पराया सा लगने लगता है। Read more
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