मेरे अश्क़,

मेरे अश्क़ उनकी बेइंतेहा मोहोब्बत के गुलाम हो गए
लड़ते झगड़ते यादों से उनकी जानें कब मेरी पलकों
पर मेहमान हो गए...

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