किसी की ख़ामोशी,

किसी की ख़ामोशी को समझने के लिए जज़्बात चाहिए,
किसी अजनबी को अपना बनाने के लिए आंखों में आसूं नहीं बल्की कुछ मोहोब्बत भरे अल्फाज़ चाहिए, बहुत मतलबी हो चुकी है मोहोब्बत आजकल किसी को खेलने के लिए किसी का प्यार भरा दिल तो किसी को किसी पूरी ज़िंदगी चाहिए...

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