मैं एक व्यापारी हूं,

मैं एक व्यापारी हूं संग अपने दर्द बेशुमार लाया हूं
बेइंतेहा मोहोब्बत से भरी बेचैन रातों की कतार लाया हूं
बेनकाब करने खुदगर्ज मोहोब्बत को हुस्न की गलियों में नया पहरेदार आया हूं, खरीदने सुकून ए ज़िंदगी मैं
गमों के शहर में पहला ज़मीदार आया हूं...

Comments

Popular posts from this blog