ख्वाइशों के समंदर से टकराने लगी है कश्ती मेरी
ख्वाइशों के समंदर से टकराने लगी है कश्ती मेरी
सुना है टूटे हुए ख्वाबों का कोई किनारा नहीं होता
ज़िंदगी में एक ही मर्तबा होती है किसी से बेपनाह
मोहोब्बत क्यूंकि हर खूबसूरत चेहरा उसके चेहरे
जितना प्यारा नहीं होता...
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