किसलिए कमज़ोर पड़ जाते हैं हम,

किसलिए कमज़ोर पड़ जाते हैं हम 
खुद से किया वादा क्यूं भूल जाते है हम, 

माना दिल पर किसी का ज़ोर नहीं चलता 
फिर क्यूं एक शख्स की खातिर अपनो को 
पीछे छोड़ आते है हम, 

जब हर चीज़ बदल जाती है ज़िंदगी में हमारी 
फिर क्यूं संस्कारों को दीवारों पर सजाते है हम, 

मिलेगा धोका जानते हुए भी उसमें 
अपना खुदा ढूंढने लग जाते है हम, 

खुद से किया वादा भूल जाते हैं हम 
जाने क्यूं कमज़ोर पड़ जाते है हम....

Comments

Popular posts from this blog

रात की कालिमा धुल गई

The most beautiful gift of nature is,