ख़ालीपन कब भरेगा दिल का,
ख़ालीपन कब भरेगा दिल का
क्यूं इसको किसी का इंतज़ार
रहता है,
कभी टूटकर बिखरता है किसी के
प्यार में तो कभी किसी को याद
करके बेइंतेहा रोता है,
हंसने गाने के लिए है ज़िंदगी
ना जाने क्यूं ये इतना दर्द सहता है,
इस फरेबी दुनियां में जाने क्यूं
हर अंजान शख्स को ये अपना
कहता है,
ख़ालीपन कब भरेगा इस दिल
का क्यूं इसको किसी का इंतज़ार
रहता है...
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