दुनियाँ नहीं समझती,

दुनियाँ नहीं समझती टूटकर 
बिखरना किसी की चाहत में
क्या होता है, 

ज़रा पूछो मुरझाए फूलों से 
क्या खूबसूरत होना गुनाह 
होता है, 

बेवक्त सताने लगे है 
मुझको सपने मेरे,

क्या बेवजह मुस्कुराने 
का मतलब सिर्फ़ प्यार 
होता है।

Comments

Popular posts from this blog