कभी तो साथ होंगे हम,

कभी तो साथ होंगे हम भूली 
बिसरी यादों की बरात होंगे हम, 

ज़िंदगी में एक दूसरे के लिए 
बस चंद कागज़ात होंगे हम, 

उलझे हुए सवालों का 
बनकर ज़वाब मिलेंगे हम, 

अपने जेहन में दफ़न जज़्बातों
की धूल चढ़ी क़िताब होंगे हम, 

जब्भी मिलेंगे हम एक दूसरे 
से तो हैरां परेशां रहेंगे सब, 

कभी तो साथ होंगे हम काफ़ी 
अरसे के बाद एक दूजे के लिए 
फिरसे कुछ खास होंगे हम....

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