खुशियाँ खरीद सकूँ तो,
खुशियाँ खरीद सकूँ तो
ख़रीद कर अपने बगीचे
में लगा लूंगा,
दिन-ब-दिन यह मेरे साथ
बढ़ेगी जब मैं उन्हें रोज़ाना
पानी देता जाऊंगा,
इसके फूलों की सुगंध से
मेरा जीवन आनंद से भर
जाएगा,
जब खुशियों से भरा हर पत्ता
खुशियों की कलियों के साथ
मेरे आंगन में हर सुबह और
शाम लहरायेगा...
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