नींद मेरी एक साथी है

नींद मेरी एक साथी है जो 
हमेशा मेरे साथ रहना चाहती है। 

मेरे दुबले पतले सपनो को जो
पलभर में ही मोटा कर जाती है। 

जब जब लेती है वो मुझको बाहों में 
अपनी तो मुझे मेरी थकान के बदले 
अपना सारा सुकून दे जाती है। 

रोज़ बदलती है सपनों को मेरे
जाने कौनसे नगर की वासी है। 

दिखती नहीं मुझको कभी पर 
मेरे तकिए पर सर रखते ही जाने 
कौन द्वार से वो आ जाती है। 

नींद मेरी एक साथी है जिसकी 
दोस्ती मुझको खूब भाती है। 

देखकर उगते हुए सूरज को मेरी 
नींद क्षण भर में उठ जाती है। 

फिर पूरे दिन मुझको 
उसकी याद सताती है। 

नींद मेरी एक साथी है जो हर 
वक्त मेरे साथ रहना चाहती है।

Comments

Popular posts from this blog

Life without friends is like

I'm one step away,

If I were a river....