साथ नहीं देता कोई,

साथ नहीं देता कोई 
किसी का इस दुनियां 
में बेवजह, 

अक्सर उनके साथ के 
पीछे छिपा उनका कोई 
मक़सद ज़रूर होता है, 

जब कोई देता नहीं 
ज़रूरत पड़ने पर भी 
उम्मीद का हाथ अपना, 

तो पता हमें अपनों की 
भीड़ में गैरों का चलता है, 

समझ में आने लगता है हमें 
भी अपना अच्छा और बुरा 
जब हमें मुश्किलों से हमारी, 

बिना किसी के साथ के 
अकेले ही गुजरना पड़ता है.....

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