दिल पर दस्तक दी किसने

दिल पर दस्तक दी किसने कौन है जो बेचैन रातों से भरा गुलदस्ता लेकर ख्वाबों में मेरे आधी रात आया है, कौन है वो शख्स देखकर जिसके अक्स को आईने में मेरा दिल एक बार फिर हरक़त में आया है, संग लाया है आँखों में अपनी बेइंतेहा मोहोब्बत को कौन है जो मुझको अपने प्यार की सुकून भरी बारिश में भिगोने दिन रात आया है, पूछो तो ज़रा कौन है वो जो मेरे दिल की बंजर जमीं पर बनके बाहर आया है, कभी कभी लगता है मुझे जैसे मेरे सपनों का नया पहरेदार आया है, पता तो करो कौन है वो जो दिल पर दस्तक देने मेरे सात समुंदर पार आया है...

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