ज़रा महसूस तो करो,
ज़रा महसूस तो करो मेरे दिल के दरिया की ख़ामोशी को जो हर वक्त बेवजह एक अनजाना सा शोर करती है, परेशां करती है मुझको बहुत जब जब खुद में भावविभोर होती है, मेहसूस करता हूं इस एकांत के स्वर्ग को जब मेरी कश्ती मेरी सपनों के भंवर की ओर होती है.....
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