चैन नहीं, आराम नहीं

चैन नहीं, आराम नहीं
तुम्हारे बिना मेरी कोई 
सुबह और शाम नहीं 
हर पल तुम्हे याद करना 
काम कोई आसान नहीं
तुम्हे देखने से ज्यादा 
मेरे लिए ज़रूरी कोई 
बात नहीं मोहोब्बत में
तुम्हारी बेचैन रहता हूं
चैन मेरा छीन कर मन ही 
मन बहुत मुसकुराते हो
तड़पाते हो मुझको रातभर 
सपने में जब तुम आते हो
जब पकड़ता हूं तुम्हारा 
तो क्यों इतना शरमाते हो
दीवाना बनाकर मुझको 
अपनाvबड़े इतरा के कहते हो 
मुझे प्यार करने के अलावा 
तुमको क्या कोई काम नहीं...नहीं...

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