शाम और तन्हाई,

शाम और तन्हाई,
अक्सर मुझे कुछ याद दिला जाते है,
दिलाते है याद मुझे कुछ गलती मेरी,
और कुछ हसीन यादें उनसे जुड़ी,
दिलाती है याद मुझे अपने बीते दिन पुराने,
जब हम भी परवाह खुद की किया करते थे,
अब समय की धारा रुकती ही नहीं,
मशरुफ रहने लगे आजकल,
अपनी ख्वाबों की दुनियां में,
जिंदगी की तन्हाइयो के साथ.....

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