ख़ुद ही उलझ गए हैं,

ख़ुद ही उलझ गए हैं,
वो अपनी बनाई उलझनों में
जो अक्सर कोशिश करते थे
मेरी उलझनों को बढ़ाने की
खुदा का शुक्र है मेरी उलझने
सुलझने लगी है रहमत उसकी
जब मुझपर बरसने लगी अब
वो लोग ख़ामोश रहने लगे है 
और मुझे कहते तो हैं सुलझ गए हैं!...

Comments

Popular posts from this blog

Life without friends is like

I'm one step away,

If I were a river....