आवारगी तू ही बता,
आवारगी तू ही बता,
मेरी ज़िंदगी में तेरी रज़ा क्या है,
सुकून मेरा खो गया है शायद,
पता लगा मेरे इस दर्द की दावा क्या है,
ऐ ज़िन्दगी तू ही बता ख्वाइशे तेरी,
जिक्र तो कर मुझसे एक बार,
पूरी करूंगा हर ख्वाइश तेरी,
बस एक उनके दीदार के सिवा....
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