खोकर ये मालूम हुआ

खोकर ये मालूम हुआ
अंदाजा मेरा गलत था,
खोया जो ज़िंदगी से प्यारा था,
अहमियत जान न सका,
मजबूरी उसकी पहचान न सका,
आकर गैरों की बातों में मैंने,
उसपर न ऐतबार किया,
झूठा समझा वादों को उसके,
खोकर ये एहसास हुआ मुझे....

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