जो ख़्वाब बन गए,
जो ख़्वाब बन गए,
लम्हे ज़िंदगी के मेरी,
कभी वो मेरी जिंदगी की,
हकीक़त हुआ करते थे,
हसीन पल ज़िंदगी के मेरी,
अब मेरे लिए सवाल बन गए,
जवाब न मिला मुझे मेरे,
सवालों का अब वो सवाल,
मेरे लिए राज़ बन गए,
कभी खास थे हम उनके लिए,
आज खुली किताब बन गए.....
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