किसी की बेरुख़ी से तंग आकर

किसी की बेरुख़ी से तंग आकर
क्या तुम मुस्कुराना छोड़ दोगे
बैचेन करता है अगर वो शख्स
तुम्हे तो क्या तुम उसकी याद 
में रातभर तड़पना छोड़ दोगे
मिलता है अगर वो शख्स राहों 
में तुम्हारी तो क्या तुम गुजरना 
उन राहों से छोड़ दोगे...

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