वो कोई और नहीं
वो कोई और नहीं
मेरा अज़ीज़ है जो मेरे दिल के बहुत करीब है
बेजुबान है पर समझदार बहुत है जिसको याद
मेरी गैरमौजूदगी में आती बहुत है लगता बहुत
ही प्यारा है जो मुझको जान से प्यारा है एक यही
है जो मेरी खामोशी को समझता है बाकी सब तो
तकलीफ देते है.....
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