अहम को मिटा दे,

अहम को मिटा दे
ऐ खुदा मेरे वहम को मेरे जहन से मिटा दे,
जायज़ है नाराज़गी तेरी चाहे तो मुझे,
जो मर्जी सजा दे ना छीन मुझसे मेरी,
बंदगी बड़ी मुश्किल से कमाई है मैंने,
इशारा तो कर खुदा बंदे तू ख़ुद को बचा ले,
जी जान लगा दूंगा तेरी रहमत पाने में,
बेहिसाब गुनाह किए है मैंने जिंदगी में,
वजूद के साथ साथ मेरे अहम को मिटा दे...

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