और एक दिन गुज़र गया

और एक दिन गुज़र गया
इंतज़ार करते करते रोशनी का
ज़िंदगी हर लम्हा गुज़र रही है
आहिस्ता आहिस्ता मेरी उम्र
घट रही जाने कब आयेगी
खुशी ज़िंदगी में मेरी रोशनी
बनकर थक गया हूं ज़िंदगी 
को बहलाते फुसलाते अब तो
आंखों से बरसाने पानी लगा है
दिल को इत्मीनान दिलाते दिलाते
और एक दिन गुज़र गया मेरा
पर रौशनी मेरी आंखों की
अब तक ना मिली मुझे......

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