क्या कभी देखा है,

क्या कभी देखा है,
मैंने देखा है लोगो को शुक्रिया अदा करते ऊपर वाले का खाने की शुरूरत करने से पहले, क्या कभी किसी इंसान को किसान का शुक्रिया अदा करते देखा है कभी, जो रोज मेहनत कर पसीने से सींचता है धरती को उपजाऊ बनाता है, खैतो मैं बैलों के साथ काम कर उसमे अनाज उगाता है, तपता है सूरज की गर्मी दिनभर और बारिश न हो तो प्यासा रह जाता है, खाता है मेहनत की सुखी रोटी आंसुओं को पीकर अपना दिन गुजार लेता है, मिलता नही उसको सही मोल जब उसकी मेहनत का तो मन को अपने मार लेता है, भूखा रहता है जब जब फ़सल उसकी बर्बाद होती है, रोता है वो क़िस्मत को जब पूरी नहीं उसकी फ़रियाद होती है, बेबस होकर हालात के आगे वो अपना जीवन त्याग देता है, बनकर रह जाती मौत उसकी एक वाकया खबरों में कहीं, क्या कभी कोई उसके पीछे के कहानी पर ध्यान देता है, मैंने तो देखा क्या कभी आपने भी देखा है।

कृपया एक पल का समय निकाल कर अपने देश के किसानों का भी शुक्रिया अदा करे क्योंकि भगवान के बाद एक वही है जो कभी किसी को भूखे पेट नही सुलाता अगर वो न हो तो भूखा सारा संसार रह जाएगा।

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