धुन ज़िन्दगी की
धुन ज़िन्दगी की अक्सर गुनगुनाता हूं मैं, बेचैन दिल को राहत दिलाता हूं मैं, अपनी ज़िन्दगी की धुन से दूसरो, की महफ़िल सजाता हूं मैं, किसी को मोहोब्बत का तो, किसी को गम का एहसास कराता हूं मैं, धुन से ज़िन्दगी का सही मतलब समझाता हूं मैं, अपनी धुन से हर शख्स की मायूसी मिटाता हूं मैं, धुन से ज़िन्दगी जीने का तरीका सिखाता हूं मैं, धुन ज़िन्दगी की साँसों पर चलती है, उम्र ढल जाती है पर कब, ये ढलती है ये कोई जानता नहीं, ज़िन्दगी में अपनी गुनगुनाते रहिए हमेशा जाने कब कौनसी धुन आखरी हो....
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