स्वस्थ मानसिकता कैसे विकसित हो,

स्वस्थ मानसिकता कैसे विकसित हो सकती जबतक आप व्यर्थ की बातों पर चिंतन करते रहेंगे, चिंता करना अपने लिए चिता तैयार करने जैसा होता है। हमारे स्वस्थ होते हुए भी हमारी सोच हमे लाचार बना देती है और हमें अपाहिज़ जिससे हम अपने जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाते, व्यर्थ की बातो को सोचना छोड़ दो और खुद के बारे में सोचो शुरू करें। स्वस्थ मानसिकता का एक ही गुरु मंत्र है : हमेशा जीवन में खुश रहे, सकारात्मक सोचे, अपने मन में अच्छे विचारों को लाए, जीवन में आशा बनाए रखे और अपने ज्ञान को बढ़ाए। अपनी सोच बदल के देखिए आप खुद ब खुद स्वस्थ मेहसूस करने लगेंगे।

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