आजकल आईना भी,

आजकल आईना भी,
मुझसे गुस्ताखी करने लगा है,
मेरे मायूस चेहरे को रात के,
अंधेरे में पहचानने लगा है,
वजह क्या है मेरी आंखो में,
झाँक के जानने लगा है,
मेरी खामोशी को पढ़ने लगा है,
सवाल करने लगा है मुझसे,
कहता है बदल सा गया हूं मैं,
शायद नहीं जानता मोहब्ब्त,
हो गई है मुझे तुमसे....

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