एक एक सांस अपनी,
एक एक सांस अपनी
खुदा से उधार मांगी है
करना ज़रूरी ज़िंदगी
में एक काम बाकी है
अकेला छोड़ आया हूं
कुछ अपनो को पीछे
करना उनके लिए अभी
कुछ इंतजाम बाकी है
चुकाना है कर्ज किसी
का तो किसी का अभी
उतारना एहसान बाकी है
मायूस किया जिन्होंने
मुझे ज़िंदगी में मेरी बताने
उनके कुछ नाम बाकी है
एक एक सांस अपनी
मांगी है उधार खुदा से
अभी खुद की खुद से
करानी पहचान बाकी है,
मांगता रहूंगा माफी खुदा
से अपनी हर खता की
जबतक जिस्म में मेरे
जान बाकी है........
Comments
Post a Comment