नहीं मिलता
नहीं मिलता
मुकद्दर मुझे ज़िंदगी का मेरी अब तो बालिग हो चला हूं मैं
नहीं मिलता वापिस मुझे खोया हुआ रुतबा मेरा बेहूदा मज़ाक बनकर रह गई शख्सियत मेरी नहीं मिलता मुझे खोजने पर भी मक़सद मेरा खुदा भी अब मुझमें दिलचस्पी लेता नहीं करता हूं फ़रियाद पर वो मेरी कभी सुनता नहीं....
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