किसे पता है?

किसे पता ये रास्ते कहां ले जाएंगे मुझे, चल तो पड़ा हूं मंजिल की तलाश में, पता नही के मंजिल मिलेगी कब तक, कब नया मोड़ ज़िंदगी को मिलेगा , कहीं थक न जाऊं जिदंगी के इस सफर में, चलता रहूंगा साथ सांसे है जब तक, मानूंगा ना हार कोशिश करता रहूंगा तब तक.....

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