रिमझिम बरसात में बादलों के बीच से झांकती
रिमझिम बरसात में बादलों के बीच से झांकती,
सूरज की वो पहली किरण धरती को छू रही है,
फूल और पत्तियां लहरा रही हैं पवन के झरोखों से, आ रही खुशबू मिट्टी की जो सांसों मे बस जा रही है, बड़ा ही अदभुत संगम है कुदरत का जी करता है, अपने शब्दों में कैद करलू इस अदभुत नजारे को, पर कुदरत को कैद कर सकू इतने शब्द कहां से लाऊं....
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