चांद का तकिया बनाकर.....
चांद का तकिया बनाकर
सपने तुम्हारे सुहाने सजाकर,
यूंही पूरी रात गुजार जायेगी,
करवट बदलते बदलते,
बैचेनी का आलम होता है,
जब याद तुम्हारी आती है,
चांदनी को चांद के साथ देखकर,
कमी आपके साथ की सताती है,
फिर तुम्हारे ख्यालों को साथ लेकर सो जाता हूं,
चांद का तकिया बनाकर......
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