और क्या होना था....
और क्या होना था,
न रहा कुछ बाकी,
हमारे रिश्ते के दर्मिया,
कुछ नही है कहने को,
चाहत कर बैठे जो किसी गैर से,
खयाल न आया एक दफा भी,
मेरा होगा क्या हाल तुम्हारे बिना,
कोई मोल ना बचा मेरे वादों का,
मेरी पाक मोहब्बत को,
पल भर में बदनाम हर दिया,
होना क्या था मैंने अपना जीवन,
तुम्हारे नाम कर दिया....
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