नज़रे चुराता फिर रहा है....
नज़रे चुराता फिर रहा है शायद उसने गुस्ताखी की होगी कोई, रुसवा किया होगा किसी जोहराजबी को, किसी का खुशहाल आशियाना बर्बाद किया होगा, छुप रहा होगा गुनहगारों से या वो अपने चाहने वालो से नज़रे चुराता फिर रहा होगा, छुप रहा होगा खुदा से या खुद को तलाशने के लिए ....
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