समझ में नहीं आता,

समझ में नहीं आता,
के वो हमसे नज़रे क्यों चुराने लगे है,
क्यों वो मुझसे कतराने लगे हैं,
मुझपार ऐतबार करते थे कभी,
आज वो नज़रंदाज़ करने लगे हैं,
कभी चाहत हुआ करते थे मेरी वो,
मगर आज वो कुछ पराए से लगने लगे है,
मोहब्बत को मेरी आजमाने लगे हैं,
प्यार करते हमसे और हमे ही सताने लगे हैं,
कभी कभी यकीन नही होता मुझे,
कुछ भी समझ में नहीं आता...

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