खुदा सलामत रखे,

खुदा सलामत रखे उसे जिसने चलना सिखाया मुझे ठोकरें लगने के बाद, अपना प्यार लुटाया हमेशा हजारों मेरी गलतियों के बाद, पूरी रात ना सोई मुझको चोट लगने के बाद, खुद को रखा भूखा मुझको पेट भर खिलाने के बाद, खुशियां लूटा दी मुझपर अपने हिस्से की सारी मेरे दुख अपने आंचल में समेटने के बाद, तपती रही सूरज की गर्मी में मेरे सपनों को संजोने के बाद, खुदा सलामत रखे उसे जिसकी वजह से वजूद है मेरा इस दुनियां में आने के बाद...

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