दर्द-ए-सितम Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 24, 2025 दर्द-ए-सितम कैसे बयाँ करें, ऐ हमसफ़र तुम्हें ख़्वाबों में तराशता रहा तुम्हें लम्हे गुज़रते रहे। Read more
क़रीब बैठा रहा Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 24, 2025 क़रीब बैठा रहा है वो शख़्स एक तस्वीर की तरह वक़्त के साथ अश्कों का क़ाफ़िला गुज़रता रहा। Read more
तकलीफ़ देता है Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 24, 2025 तकलीफ़ देता है मुझको आजकल मुस्कुराना उनका हर मुस्कुराहट के पीछे छुपा कोई फ़साना देखता हूँ। Read more
मुलाकातों का ये Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 24, 2025 मुलाकातों का ये सफ़र अब आम होने लगा मैं तुम्हारी हसीन यादों का ग़ुलाम होने लगा Read more
इश्क़ की स्याही से Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 24, 2025 इश्क़ की स्याही से दास्ताँ-ए-मोहब्बत लिख दी हमने, फिर भी हज़ारों सवाल दस्तक देते हैं उनके ज़ेहन में। Read more
सुलग रहा है Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 24, 2025 सुलग रहा है इक कारवां जेहन में ये मसला-ए-इश्क़ तो नहीं ए खुदा। Read more
ज़रे-ज़रे की कर्ज़दार है ज़िंदगी Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 24, 2025 ज़रे-ज़रे की कर्ज़दार है ज़िंदगी, तेरे इश्क़ की तलबगार है ज़िंदगी, टूटे ख़्वाबों की सौग़ात है ज़िंदगी, हर सहर एक नई तलाश है ज़िंदगी। Read more