वक्त की चादर,

वक्त की चादर में सिमटने लगा है चाहतों का शहर मेरा
इस रात से कह दो ज़रा आहिस्ता से गुज़रे पूछने उनकी
हसीन यादों से अंगीनत सवाल बाकी है अभी...

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