मनमर्जियाँ
एक शख्स मुझपर पर अपनी मनमर्जियाँ चलाने लगा
ना चाहते हुए भी वो अपनी बेइंतेहा मोहोब्बत की
हसीन कलियों को मेरे दिल की जमीं पर सजाने लगा,
पल दो पल की मुलाक़ात में ही मुझसे ज्यादा मेरे करीब आने लगा, पूछा जब उससे मैंने नाम उसका तो खुदको
मेरा अधूरा ख़्वाब बताने लगा...
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