मेरी आंखों के नीचे,

मेरी आंखों के नीचे झुरियां छाने लगी
धीरे धीरे मेरे माथे पर पसीना आता देख
मेरी मेहनत मन ही मन मुस्कुराने लगी
अब सफलता ज्यादा दूर नहीं मुझसे
ए ज़िंदगी क्यूंकि मुझे मेरी बंद आंखों से
भी अपनी मंज़िल साफ़ नज़र आने लगी...

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