दिलासा,

जब हिम्मत टूट जाती है तब बांहों में
लेकर दिलासा देती है ये ज़िंदगी
सारा सुकून छीन लेती है बस
कुछ खवाइशो के बदले
में ये ज़िंदगी
भटकता रहता है इंसान
खुशियों की तलाश में दरबदर
इस दुनियां में
क्या खुदको तलाशने का
ही नाम है ज़िंदगी...

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