धूप दिल में खिली है,
धूप दिल में खिली है मेरे लगता मुझे क्यों है ऐसा जैसे कोई मेरे दिल में लेकर अपनी मोहोब्बत की मशाल आया है। मिटाने मेरे जीवन के अंधकार को अपना आशाओं का जलता भुजता हुआ चिराग़ लाया है। धूप दिल में खिली है मेरे पर अपने जीवन को रोशन करने के लिए मैंने काग़ज़ पे सूरज बनाया.....
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