बात नहीं होगी अब क्या!

बात नहीं होगी अब क्या!
हमारी मुलाकात नहीं होगी
यहीं तक का था साथ हमारा
नई शुरआत होना कठिन है
ज़िंदगी के इस मोड़ पर आकर
अलग होना लिखा था हमारा
भरोसे की डोर इतनी कच्ची
थी बिखर गए प्यार के मोती
अब इन्हें समेटना मुश्किल है...

Comments

Popular posts from this blog